The Greatest Guide To Shodashi

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

Saadi mantras are more obtainable, useful for general worship also to invoke the presence in the deity in lifestyle.

Once the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is claimed to get the best form of worship of the goddess. You will find 64 Charkas that Lord Shiva gave for the people, as well as distinct Mantras and Tantras. These got so which the human beings could deal with attaining spiritual Added benefits.

ह्रीं‍मन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।

सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

Goddess Lalita is worshipped by means of many rituals and procedures, such as going to her temples, attending darshans and jagratas, and performing Sadhana for both of those worldly pleasures and liberation. Every single Mahavidya, such as Lalita, has a selected Yantra and Mantra for worship.

यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई more info गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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